अब शादी के लिए कार्ड छपाने से लेकर डीजे बजवाने, टेंट लगवाने के लिए पहले दिखाना होगा आयु प्रमाण पत्र, सबूत नहीं होने तो नहीं मिलेगी ये सेवाएं…रह जाएंगे कुंवारे
कोरबा। अब बेटी हो या बेटा उसका बैंड-बाजा, बारात तभी निकलेगी जब आयु प्रमाण पत्र साथ में होगा। क्योंकि इसके बगैर न तो शादी कार्ड छपेगा और न ही डीजे बजेगा, यहां तक कि टेंट भी नहीं लगेगा और पंडित को बुलाने पर भी वह घर के दरवाजे पर नहीं आएगा। दरअसल कलेक्टर अजीत वसंत ने बाल विवाह रोकने के लिए ऐसा आदेश किया है। जिसके लिए गणमान्य नागरिकों, समाज प्रमुखों, धार्मिक व वैवाहिक अनुश्ठान को सम्पन्न कराने वाले धार्मिक सेवा प्रदाता, टेंट हाउस, डी.जे., बैण्डबाजा, प्रिंटिंग प्रेस संचालकों को कहा गया है कि बिना आयु प्रमाण पत्र के वैवाहिक कार्यक्रम में सेवाएं न प्रदान करें। बाल विवाह पर प्रभावी रोक के लिए सभी अपना सहयोग प्रदान करें, जिससे बाल विवाह जैसी कुप्रथा को समाप्त किया जा सके और बच्चों के देखरेख एवं संरक्षण को सुनिश्चित किया जा सके।
आज बाल विवाह मुक्त पंचायत की ली जाएगी शपथ
छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 6(1) (क) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए 27 नवंबर को सभी ग्राम पंचायतों में ग्राम सभा का आयोजन करने के निर्देश दिए हैं। ग्राम सभा में बाल विवाह मुक्त पंचायत बनाने की भी शपथ ली जायेगी। महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्रीमती रेणु प्रकाश ने बताया कि बाल विवाह के रोकथाम के लिए जागरूकता आवश्यक है। ग्राम सभा में बताया जाये कि 18 वर्ष से कम आयु के लडकी और 21 वर्षसे कम आयु के लडके का विवाह कानूनन अपराध है। बाल विवाह करना, करवाना, सहायता करना, बाल विवाह को बढावा देना उसकी अनुमति देना अथवा बाल विवाह में सम्मिलित होना भी अपराध है। इसके लिए 2 वर्ष तक का कठोर कारावास अथवा जुर्माना जो कि 1 लाख रूपये तक हो सकता है अथवा दोनों से दण्डित किया जा सकता है।
बाल विवाह की सूचना मिले तो यह करें
यदि आपके आस पास कोई बाल विवाह कराये जाने की सूचना प्राप्त होती है तो तत्काल उसे रोके। बाल विवाह की सूचना जिला प्रशासन, पुलिस तथा महिला एवं बाल विकास विभाग को दें। बाल विवाह की सूचना व शिकायत के लिए चाईल्ड हेल्प लाईन नम्बर 1098 अथवा 112 को दे।
बाल विवाह के ये होते हैं दुष्परिणाम
शिक्षा का अभाव, मानसिक विकास में रूकावट, शारीरिक दुर्बलता, समय पूर्व गर्भावस्था, शिशु मृत्यु दर में वृद्धि, मातृ मृत्यु दर में वृद्धि।